November 20, 2024

CG : सुप्रिया सुले-नाना पटोले बिटकॉइन केस के तार रायपुर से जुड़े, गौरव मेहता के ठिकाने पर ईडी की रेड

रायपुर। महाराष्ट्र के बहुचर्चित बिटकॉइन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में पहली बार छापा मारा है. रायपुर में ईडी ने कार्रवाई करते हुए गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के तहत की गई है. सूत्रों के अनुसार, मेहता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. रायपुर के आम्रपाली सोसायटी में गौरव मेहता के घर केंद्रीय एजेंसी की टीम में उनके परिवार वालों से पूछताछ की.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में एक ऑडिटिंग कंपनी के कर्मचारी के परिसरों पर छापेमारी की, जो कथित तौर पर महाराष्ट्र में राजनीतिक बिटकॉइन लेनदेन मामले से जुड़ा हुआ है.

यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गौरव मेहता के घर पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है. ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान चल रहा है.

वॉयस नोट वायरल
भाजपा ने मंगलवार को एनसीपी (सपा) नेता और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के कथित वॉयस नोट चलाए, जिसमें आरोप लगाया गया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने की कोशिश की जा रही है. ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने क्रिप्टो (बिटकॉइन) संपत्ति पोंजी घोटाले में अपनी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का दायरा बढ़ा दिया है और मेहता और कुछ अन्य लोगों के राजनेताओं, राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्तियों और नौकरशाहों के साथ “संबंधों” की जांच कर रही है. एजेंसी ने अप्रैल में इस क्रिप्टो-पोंजी जांच के तहत अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. दंपति ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी और बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत पाई. कुछ ऑडियो क्लिप साझा करते हुए, जिसमें कथित तौर पर सुले और पटोले की आवाज़ें और सिग्नल चैट से संकेत मिलता है कि बिटकॉइन का इस्तेमाल चुनाव अभियान के लिए किया गया था.

बीजेपी का वार, सुले का इनकार
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि एमवीए ने दीवार पर लिखा हुआ देख लिया है कि वह चुनावों में हार जाएगी. सुले ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने झूठे आरोपों के खिलाफ चुनाव आयोग और राज्य के साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि वह “गौरव मेहता को नहीं जानती”. पटोले ने भी भाजपा के आरोपों को खारिज किया और कहा, “प्रसारित की जा रही क्लिप में आवाज मेरी नहीं है. यहां तक कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी भी मेरी आवाज पहचानते हैं.”

कैसे प्रकाश में आया मामला?
क्रिप्टो-पोंजी मामले में ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा वैरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी, (दिवंगत) अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज नामक व्यक्तियों और कई मल्टी-लेवल मार्केटिंग एजेंटों के खिलाफ दर्ज एफआईआर से उपजी है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बिटकॉइन के रूप में 10 प्रतिशत प्रति माह रिटर्न के “झूठे वादे” के साथ जनता से बिटकॉइन (2017 में 6,600 करोड़ रुपये) के रूप में भारी मात्रा में धन एकत्र किया है. ईडी ने आरोप लगाया था कि बिटकॉइन का उपयोग खनन के लिए किया जाना था और निवेशकों को क्रिप्टो परिसंपत्तियों में भारी रिटर्न मिलना था, लेकिन प्रमोटरों ने निवेशकों को “धोखा” दिया और “गलत तरीके से प्राप्त” बिटकॉइन को अस्पष्ट ऑनलाइन वॉलेट में छिपा दिया.

ईडी ने आरोप लगाया कि कुंद्रा ने यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फार्म स्थापित करने के लिए गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले के “मास्टरमाइंड” और प्रमोटर अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन प्राप्त किए. ये बिटकॉइन अमित भारद्वाज द्वारा भोले-भाले निवेशकों से एकत्र किए गए “अपराध की आय” से प्राप्त किए गए थे. एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में तीन लोगों – सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौर और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था. ईडी ने कहा कि मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज फरार हैं, उन्होंने कहा कि इसने पहले मामले में 69 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. मामले में अब तक दो आरोपपत्र दायर किए गए हैं – पहला जून 2019 में और दूसरा इस साल फरवरी में.

क्या है बिटकॉइन घोटाला, संक्षेप में समझें
गौरव मेहता एक ब्लॉकचेन विदेशी विशेषज्ञ हैं. अमिताभ गुप्ता घोटाले के वक्त पुणे पुलिस कमिश्नर थे. महाराष्ट्र और पंजाब में इस घोटाले को लेकर 40 एफआईआर दर्ज की गईं. 2018 में जांच शुरू हुई. अमित भारद्वाज मास्टरमाइंड था. उसने बिटकॉइन में निवेश करने के लिए कहकर लोगों को धोखा दिया. इसके बाद निवेशकों का पैसा डूब गया. भारद्वाज दुबई भाग गया और उसे वहां से डिपोर्ट कर दिया गया. उनके खिलाफ कई राज्यों की पुलिस ने मामले दर्ज किये थे. अमित भारद्वाज की जनवरी 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई. सिम्पी भारद्वाज अमित भारद्वाज की भाभी हैं, अजय भारद्वाज की पत्नी है. अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी 2024 में कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. आरोप था कि अमित ने अपनी कंपनी वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड के जरिए मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर लोगों से बिटकॉइन में निवेश कराया . इस भरोसे के साथ कि उन्हें हर महीने रिटर्न के रूप में जमा की गई रकम के 10 प्रतिशत बिटकॉइन मिलेंगे. इस तरफ 2017 में 6600 करोड़ की कीमत के बिटकॉइन इकठ्ठा कर लिए गए.

2018 में महाराष्ट्र में इस फ्रॉड में जांच के लिए आईपीएस रविंद्रनाथ पाटिल को जोड़ा गया और साल 2022 में वो इसी घोटाले में खुद गिरफ्तार हो गए. आरोप है कि इस क्रिप्टोकरेंसी साइबर फ्रॉड में बिटकॉइन गायब कर दिए गए. बाद में 2018 में पता चला कि जो क्रिप्टोकरेंसी का वॉयलेट मिला था उसमें करोड़ों के बिटकॉइन मिले थे. इन करोड़ों रुपये के बिटकॉइन को दो आईपीएस अधिकारियों भाग्यश्री और अमिताभ गुप्ता ने हथिया लिया था और वहां नकली वॉलेट रखा जिसमें पैसे नहीं थे. रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी, गौरव में इस मामले में महत्वपूर्ण किरदार हैं. उसने बताया कि गौरव मेहता ने रवींद्र नाथ पाटिल को फोन पर बताया कि आपको अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री ने फंसाया है. बिटकॉइन का असली वॉयलेट उनके पास है और उनके ऊपर भी एक लेयर है जिसमें नेता हैं, उसमें सुप्रिया सुले के साथ-साथ नान पटोले भी शामिल हैं. आरोप है कि सबूत के तौर पर सिग्नल के माध्यम से ऑडियो क्लिपिंग भेजे और 2019 और 2024 में इस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में हुआ.

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