November 24, 2024

वक्फ बिल पर नीतीश कुमार की JDU में दो फाड़?, मुस्लिम नेताओं के विरोध के बीच ललन ने किया सपोर्ट

नई दिल्ली। वक्फ विधेयक 2024 पर नीतीश कुमार की पार्टी में दो फाड़ हो गई है. एक तरफ जहां पार्टी के मुस्लिम नेता इस विधेयक का विरोध कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ सदन में पार्टी ने इसका समर्थन कर दिया. जेडीयू की तरफ से लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने किया है. सिंह ने कहा है कि बिल सही है और जेडीयू इसका समर्थन करती है. नीतीश कुमार की चुप्पी के बीच जेडीयू में वक्फ बिल पर मचे बवाल ने सियासी गलियारों में पार्टी की नीति और रीति पर सवाल उठा दिया है.

वक्फ विधेयक पर जेडीयू में दो फाड़?
जनता दल यूनाइटेड की तरफ से इस बिल पर 2 तरह की बातें सामने आई हैं. जेडीयू के मुस्लिम नेताओं ने इस बिल का विरोध किया है. हाल ही में विधानपरिषद के सदस्य गुलाम गौस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. गौस ने कहा है कि बिल को लाने से पहले मुस्लिम समुदाय से बात कीजिए.

गुलाम गौस ने अपने पत्र में कहा है कि वक्फ की जमीन को न तो अंग्रेजों ने और न ही किसी सरकार ने खैरात में दिया है. इस जमीन को हमारे समुदाय के लोगों ने गरीब कल्याण के लिए दिया है, इसलिए इन धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप से सरकार को बचना चाहिए.

जेडीयू के एक और मुस्लिम नेता और गुलाम रसूल बलियावी ने इस विधेयक का विरोध किया है. बलियावी ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार वक्फ की तरह ही मंदिर और मठों के जमीन को लेकर कोई बिल लाएगी?

बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने हाल ही में कहा था कि वक्फ में कुछ भी गलत नहीं होता है. बिल आने के बाद मैं इस पर कुछ बोलूंगा.

ललन सिंह ने संसद में क्या कहा?
मोदी सरकार में मंत्री ललन सिंह ने वक्फ विधेयक पर पार्टी की तरफ से पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि यह मंदिर और मस्जिद का मुद्दा नहीं है. वक्फ एक संस्था है और मंदिर-मस्जिद से यह अलग होता है. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए इसमें संशोधन जरूरी है, इसलिए हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने इसका समर्थन करने का फैसला किया है.

ललन सिंह ने आगे कहा कि वक्फ बिल कानून से बना है, इसलिए कानून के जरिए ही इसका संशोधन किया जा रहा है. सिंह ने इस दौरान कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि इस देश में हजारों सिखों को मारने का काम किसने किया, यह सभी लोग जानते हैं. कांग्रेस को अल्पसंख्यकों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.

वक्फ विधेयक पर नीतीश कुमार चुप
केंद्र की तरफ से लाए जाए रहे वक्फ विधेयक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. नीतीश इस मसले पर अभी तक चुप हैं. पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव नीतीश के चुप्पी पर सवाल भी उठा चुके हैं.

पार्टी के पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने भी नीतीश कुमार से चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया है. वहीं पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार अलग ही राग अलाप रहे हैं. पत्रकारों से बात करते हुए नीरज ने कहा कि वक्फ मामले में नीतीश कुमार ने बहुत ही बेहतरीन काम किया है. केंद्र को इससे सीखने की जरूरत है.

वक्फ विधेयक 2024 में क्या है?
केंद्र की ओर से पेश किए विधेयक में वक्फ के अधिनियम 9 और 14 में संशोधन करने का प्रस्ताव है. इस संशोधन के वक्फ का स्ट्रक्चर और शक्ति पर असर पड़ेगा. जो बिल पेश किए गए हैं उसके मुताबिक अब वक्फ में महिलाएं और गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को भी सदस्य बनाया जा सकता है.

सरकार इस विधेयक को लाने का मकसद पारदर्शिता बता रही है. वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार धार्मिक ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह का विधेयक संसद में पेश कर रही है.

विधेयक का जहां पर एनडीए के सभी दलों ने समर्थन किया है, वहीं विपक्ष के भी सभी दलों की ओर से इसका विरोध किया गया है. हालांकि, बिल पर वाईएसआर कांग्रेस का स्टैंड सुर्खियों में है. अब तक मोदी सरकार के हर विधेयक का समर्थन करती आ रही वाईएसआर ने इस विधेयक का विरोध किया है.

error: Content is protected !!
Exit mobile version