क्या होगा शिवराज-वसुंधरा-रमन सिंह का भविष्य? टिकट और CM चेहरे पर बना हुआ है सस्पेंस
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इन तीनों राज्य में चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कमर कस ली है. पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही है और रणनीति बनाने के लिए लगातार बैठकें भी हो रही हैं. मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी सत्ता में दोबारा वापसी की कोशिशों में जुटी है तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 5 साल का सूखा खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रही है. लेकिन इन सबके बीच बीजेपी के तीन दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और रमन सिंह के भविष्य पर सवालिया निशान है. ये तीनों दिग्गज लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं. शिवराज जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, तो वहीं वसुंधरा राजे राजस्थान और रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
दरअसल, बीजेपी ने इस बार तीनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. बीजेपी इन तीनों ही राज्यों में उनके उत्तराधिकारियों की तलाश कर रही है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस है. वहीं, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा को टिकट तो मिल सकता है लेकिन सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा.
मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी ने सीएम का विकल्प खुला रखा है. बीजेपी ने सोमवार को 39 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें 3 केंद्रीय मंत्री और 4 सांसदों के नाम भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद सिंह पटेल को पार्टी ने मैदान में उतारा है. अब यही फॉर्मूला राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अपनाने की बात कही जा रही है. छत्तीसगढ़ में सांसद विजय बघेल को पहले ही सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर रखा हैं।
राजस्थान में भी लागू होगा मध्य प्रदेश वाला फॉर्मूला!
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी राजस्थान में मध्य प्रदेश फॉर्मूला पर अमल करते हुए केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा के चुनावी रण में उतारा जा सकता है. इनमें जिनके नाम सबसे आगे हैं उनमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत. केंद्रीय कानून मंत्री और बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल. साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के नाम शामिल हैं. राजसमंद से सांसद दीया कुमारी विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं.
मध्य प्रदेश के बाद केंद्रीय मंत्रियों और सासंदो को टिकट देकर बीजेपी ये भी संदेश देना चाहती है कि बीजेपी के पास सीएम फेस की कमी नहीं है. साथ ही नए और कद्दावर चेहरों से कार्यकर्ताओं में जोश आएगा. नए चेहरों की ताजगी दिखेगी और चुनाव अभियान में धार आएगी.
उधर, राजस्थान का रण जीतने के लिए बीजेपी बड़ी तैयारी कर रही है. इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा विशेष तौर पर रणनीति बना रहे हैं. जयपुर में बुधवार को कोर ग्रुप के साथ क़रीब 6 घंटे चली बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे शामिल हुए.
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान वसुंधरा राजे और अमित शाह के बीच अलग से आधे घंटे बातचीत हुई. बैठक के बाद पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से विधानसभा चुनाव लड़ने का सवाल किया. उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय तो पार्टी करेगी. ऊपर का संसदीय बोर्ड करेगा. ऊपर के अधिकारी करेंगे. लेकिन अभी तक इस विषय पर चर्चा नहीं हुई.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, कल सभी विषयों पर चर्चा हुई है. सारे राजनीतिक विषयों पर चर्चा हुई है. चुनाव किस दिशा में जा रहा है और सरकार की विफलताओं पर भी चर्चा हुई है. राजस्थान की जनता के मुद्दों के बारे में चर्चा हुई है. हम चुनाव को किस प्रकार संचालित कर सकते हैं इस पर भी चर्चा हुई है. हम उनके मार्गदर्शन पर काम करेंगे.