अखिलेश यादव की नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से जुगलबंदी आएगी काम?, पर्दे के पीछे चल रहे खेल की इनसाइड स्टोरी…
नईदिल्ली । उत्तर प्रदेश में 43 लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत ने भारतीय जनता पार्टी को हैरान कर दिया है। यूपी में इंडिया की बड़ी जीत ने विपक्ष के लिए दिल्ली का दरवाजा खुलने का संकेत देना शुरू कर दिया है। विपक्ष अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की कोशिशों में जुट गया है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव यूपी की जमीन साधने के बाद दिल्ली के दरवाजे खोलने की कोशिशों में जुट गए हैं। दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की बैठक होने जा रही है। इसमें केंद्र में सरकार बनाने पर मंथन होना है। इंडिया ब्लॉक बहुमत के आंकड़े को हासिल करने की कोशिश करेगी। इसके लिए अखिलेश यादव को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद की जा रही है। माना जा रहा है कि इंडिया ब्लॉक की बैठक के बाद अखिलेश यादव को भाजपा के कभी विरोधी रहे नेताओं को साधने की जिम्मेदारी मिल सकती है। इसमें जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का नाम सबसे आगे आ रहा है।रकार बनाने की पहल करें.
नीतीश से नजदीकी का फायदा
नीतीश कुमार ने शुरुआती दिनों से ही समाजवाद की राजनीति की है। जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निकट संबंध रहे थे। भाजपा का साथ छोड़ने के बाद पहले मुलायम और बाद के समय में अखिलेश से उनकी नजदीकी किसी से छुपी नहीं रही है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद नीतीश कुमार श्रद्धांजलि अर्पित करने सैफई भी पहुंचे थे। नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ पहले तक महागठबंधन का हिस्सा थे। ऐसे में सपा और कांग्रेस की कोशिश उन्हें एक बार फिर पाले में लाने की होगी। इसमें अखिलेश यादव बड़ी भूमिका निभाते दिख सकते हैं।
चंद्रबाबू नायडू से भी नजदीकी
अखिलेश यादव की चंद्रबाबू नायडू से भी नजदीकी रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। उस समय चंद्रबाबू नायडू गैर कांग्रेसी गैर बीजेपी थर्ड फ्रंट के निर्माण की योजना बना रहे थे। चंद्रबाबू नायडू ने 2019 में अपने लखनऊ के दौरे के दौरान अखिलेश के साथ-साथ मायावती से भी मुलाकात की थी। हालांकि, उनका अभियान सफल नहीं हो पाया था। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान अखिलेश और मायावती एक साथ चुनावी मैदान में थे। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव को कांग्रेस चंद्रबाबू नायडू से बातचीत के लिए आगे कर सकती है।
234 सीटों पर जीती है इंडिया
इंडिया ब्लॉक देश की 234 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए 272 सीटों की जरूरत होगी। एनडीए अभी 292 सीटों के आंकड़े पर अटकी है। अकेले भाजपा के पास 240 सीटें हैं। ऐसे में भाजपा के सहयोगियों को तोड़ने की कोशिश विपक्षी गठबंधन की ओर से की जा रही है। इंडिया ब्लॉक को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत है। लोकसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 16 और नीतीश कुमार की जदयू 12 सीटों पर जीती है। अगर दोनों दल इंडिया के साथ आ गए तो फिर ब्लॉक को बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए बस 10 सीटों की जरूरत होगी।