आमलकी एकादशी : इस व्रत से मिलता है सुख और होती है मोक्ष की प्राप्ति
आमलकी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि – 6 मार्च 2020, शुक्रवार
एकादशी का प्रारंभ: 5 मार्च 2020 को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से
एकादशी का समापन – 6 मार्च 2020 को सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर
पारण का समय: 7 मार्च 2020 को सुबह 6 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 1 मिनट तक
आमलकी एकादशी की पूजा विधि :आमलकी एकादशी के व्रत की तैयारी एक दिन पहले दशमी तिथि को प्रारंभ कर देना चाहिए। इसके लिए रात्रि में भगवान विष्णु का ध्यान करके सोना चाहिए। एकादशी तिथि को सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान विष्णु की प्रतिमा का पंचामृत, गंगाजल आदि से स्नान करवाना चाहिए। एक पाट पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। विधि-विधान से पूजा कर वस्त्र धारण करवाना चाहिए। ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचामृत, पंचमेवा आदि का भोग लगाकर श्रीहरी की आरती उतारें।
आंवले के वृक्ष की पूजा : भगवान विष्णु की पूजा के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। वृक्ष के चारों ओर की जमीन गाय के गोबर से लीपकर स्वच्छ करें। वृक्ष की जड़ में एक वेदी स्थापित करे। अब देवताओं, तीर्थों और समस्त सागरों को आमंत्रित करें। कलश पर चंदन का लेप कर भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें। एकादशी के दिन निराहार या फलाहार कर उपवास रखें। द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोज करवाकर उनको दक्षिणा दें। इसके बाद व्रत का पारण करें।