अमरकंटक में 20 साल में बना 151 फीट ऊंचा जिनालय : इसमें लोहे-सीमेंट का इस्तेमाल नहीं…
पेंड्रा। अमरकंटक में नर्मदा तट पर सर्वोदय तीर्थ 20 साल बाद साकार हो गया। सर्वोदय तीर्थ की खास बात ये है कि इसके जिनालय की ऊंचाई 151 फीट है। मंदिर बनाने में लोहे या सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। सिर्फ पत्थरों की जोड़ाई हुई है। इसके गर्भगृह में अष्टधातु की 24 हजार किलो वजनी भगवान आदिनाथ की पद्मासन प्रतिमा है।
इसे विश्व में सर्वाधिक वजनी प्रतिमा माना गया है। यह प्रतिमा 17 हजार किलो वजनी अष्टधातु कमल पर विराजित है। कमल एवं प्रतिमा को मिलाकर कुल वजन 41 हजार किलो है। इस नए तीर्थ का उदय महोत्सव शुरू हो गया, जो 2 अप्रैल चलेगा। इसे पंच कल्याणक गजरथ महामहोत्सव नाम दिया गया है। महोत्सव के दौरान 31 मार्च को प्रतिमा का विधिवत अनावरण एवं प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
इस महामहोत्सव के लिए आचार्य विद्यासागर महाराज के साथ मुनिश्री प्रसादसागर, चंद्रप्रभसागर एवं निरामयसागर महाराज 21 मार्च को अमरकंटक पहुंच गए। आयोजन श्री दिगंबर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति द्वारा करवाया जा रहा है।