April 26, 2024

चंद्रगिरी पहाड़ में राजस्थान के लाल पत्थरों से हो रहा जैन मंदिर का निर्माण

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिलान्तर्गत डोंगरगढ़ में सभी जाति, धर्म के आस्था के केन्द्र स्थापित हैं, इसलिए इस नगर को धर्मनगरी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक के साथ ही यह आध्यात्मिक केंद्र है। मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर देशभर में आस्था का केन्द्र बना हुआ है तो वहीं आने वाले दिनों में यहां निर्माणाधीन जैन मंदिर भी आस्था के साथ ही पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र होगा। चंद्रगिरी पहाड़ी पर मंदिर का निर्माण जारी है। यहां 21 फीट चंद्रप्रभु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंदिर के निर्माण में राजस्थान के लाल पत्थर और जैसमेलर के पीले पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है। डोंगरगढ़ से 2 किलोमीटर दूर राजकट्‌टा में पहाड़ काटकर मंदिर का निर्माण जारी है। 

चंद्रगिरी तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष किशोर जैन ने बताया कि मंदिर निर्माण में दो साल लगेंगे। यहां परिसर में पहले से ही बालिकाओं के लिए स्कूल का संचालन हो रहा है। गौशाला के साथ ही हाथकरघा सेंटर है जहां पर आसपास की गरीब वर्ग की महिलाओं को काम देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

7 साल पहले मंदिर की आधारशिला मुनिश्री विद्यासागर महाराज ने रखी थी। 30 कारीगर राजस्थान से आए हैं, जो रोजाना राजस्थान के बयाना से लाए गए लाल पत्थरों में नक्काशी कर रहे हैं। एक लाख घन फीट पत्थर मंदिर निर्माण में लग चुका है। 2021 में इसका निर्माण पूरा होने का दावा किया जा रहा है। गुंबद और मंदिर के गर्भगृह में 150 क्विंटल शीशम की लकड़ी से कलाकृति बनाई जा रही है। यहां भगवान चंद्रप्रभु की 21 फीट ऊंची पद्मासन मुद्रा में प्रतिमा स्थापित की गई है। जो गर्भगृह में है।

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