December 22, 2024

देश भर में प्रसिद्ध है ये महालक्ष्मी मंदिर; यहां दिवाली पर मिलता है गहनों का प्रसाद!

MANDIT-MP

रतलाम। देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी लोकप्रियता की वजह से विख्यात हैं, ऐसा ही एक मंदिर एमपी के रतलाम जिले में हैं, यह मंदिर रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर है. भक्त प्रसाद नहीं बल्कि सोने-चांदी के आभूषण और पैसों की गड्डियां को चढ़ाते है. रतलाम के प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान यहां इस खजाने को देखने और महालक्ष्मी के दर्शन करने के लिए आस्था का जन सैलाब उमड़ता है. इस मंदिर में सालों से यह परंपरा चली आ रही है कि धनतेरस के पहले से लोग यहां अपना धन 5 दिनों के लिए रखने चले आते है. कोई नोटों की गड्डियां रख जाता है तो कोई सोने चांदी के आभूषण. जानिए क्या है इसकी मान्यता.

बता दें कि लोगों की आस्था है कि महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिनों तक महालक्ष्मी जी के चरणों मे अपने धन को रखने से समृद्धि मिलेगी. महालक्ष्मी उन्हें धन और वैभव का आशीर्वाद देगी और इसी आस्था के चलते यह परंपरा सालों से चली आ रही है. पांच दिवसीय इस खज़ाने में बढ़ती श्रद्धालुओं की आस्था और संख्या ने इसे अब कुबेर के खज़ाने की शक्ल में बदल दिया है.

5 दिनों तक यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं और उनका खास आकर्षण महालक्ष्मी के दर्शन के साथ यह कुबेर का खज़ाना भी रहता है. धनतेरस से दीपावली 5 दिवसीय महोत्सव में महालक्ष्मी इस खज़ाने के साथ यहां दर्शन देती है और इस नज़ारे को देखने लाखों श्रद्धालु महालक्ष्मी के दर्शनो के लिए यहां चले आते है.

ये है मान्यता
धनतेरस के कई दिन पहले से यहां आस्था रखने वाले श्रद्धालु अपना सोना चांदी व नोटों की गड्डियां मन्दिर में लाकर देते है. इसके अलावा कई श्रद्धालु अपनी ज्वेलरी भी या कीमती सामान यहां लेकर 5 दिनों के लिए रखते है. इसके लिए रजिस्टर में एंट्री भी की जाती और 5 दिन बाद सभी अपना सामान वापस ले जाते है. मान्यता है कि 5 दिनों के दौरान महालक्ष्मीजी के पास अपना धन रखने से घर में सुख समृद्धि आती है व धन की कमी नहीं होती है.

श्रद्धालु जितनी आस्था के साथ यहां आकर दर्शन करते है, उतना ही इस कुबेर के खज़ाने के द्रश्य को देखकर सुखद अनुभव करते है. इस खज़ाने को देखकर हर कोई धन की देवी महालक्ष्मी से यही प्रार्थना करता नजर आता है, कि महालक्ष्मी इस दीपावली पर हमारे ऊपर भी धन की वर्षा कर दो.

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