CG VIDEO – कलेक्टर की कला : ‘आमी आंव बस्तरिया’, हल्बी बोली में DM ने गाया गीत, CM बघेल ने एल्बम का वीडियो किया साझा
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. की आवाज में गाया हुआ आमी आंव बस्तरिया! यह हल्बी वीडियो एल्बम इन दिनों राज्य में ट्रेंड हो रहा है। लोग इस वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं और इसे इंटरनेट मीडिया पर साझा भी कर रहे हैं। विजय दयाराम के. मूलत: कर्नाटक के बैंगलोर के निकट गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता साधारण किसान है। छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने सर एमएम विश्वश्वरैय्या इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी से साफ्टवेयर इंजीनयरिंग में स्नातक के बाद इंफोसिस, आइबीएम जैसी कंपनियों में काम किया। 2015 में आइएएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 2016 से वे छत्तीसगढ़ में कार्यरत है।
विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर में आयोजित कार्यक्रम में बस्तर एकेडेमी आफ डांस एंड लिट्रेचर (बादल) के नए विश्वस्तरीय म्यूज़िक रिकार्डिंग स्टूडियो का शुभारंभ करने के साथ ही बस्तर कलेक्टर की आवाज में इस स्टूडियो में रिकार्ड किए गए ‘आमी आव बस्तरिया’ एल्बम का विमोचन किया था, जिसे बस्तर के स्थानीय कलाकारों पर फिल्माया गया है। मुख्यमंत्री बघेल के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से गुरुवार को इस गीत के वीडियो को साझा करते हुए लिखा है कि एक अद्भुत गीत जिसे अपनी आावाज देकर बस्तर जिलाधिकारी विजय दयाराम प्रदेशवासियों को एक सूत्र में पिरोने का सुरीला संदेश दे रहे हैं, यह सभी के दिलों को सुकून देने वाला है।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने मिडिया को बताया कि बस्तर के लिए काम करने से पहले बस्तर के लोगों की भाषा, संस्कृति, विधि-विधान, जीवनशैली को समझना होगा। वे कहते हैं कि वे कुशल गायक नहीं है, पर बस्तर और बस्तरिया होने के अहसास को महसूस करने के लिए उन्होंने यह गीत गाया है। उन्हें भरोसा है कि उनकी आवाज में गाए गीत से लोग बस्तर की कला संस्कृति को समझेंगे और इससे जुड़ने का प्रयास करेंगे।
कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि बादल अकादमी में बस्तर के आदिवासियों की संस्कृति, परंपरा, कला, बोली के संवर्धन का काम करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां नवनिर्मित म्यूजिकल रिकार्डिंग स्टूडियो से यहां की कला-संस्कृति की आवाज दुनिया तक पहुंचेगी। यहां के गांवों में गूंजने वाले लोकगीत और कलाकारों को बड़ा मंच मिल सकेगा। इसके लिए संस्थान को इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से भी संबद्ध किया गया है।