CG : 75 सालों के बाद पहली बार डाले गए थे वोट, अब बदली बस्तर के इस गांव की तस्वीर, पहुंची बिजली, मिले स्कूल और आंगनबाड़ी…
जगदलपुर। देश की आजादी के 75 साल बाद आज भी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग के कई गांव विकास से अछूते हैं. नक्सलवाद की वजह से यहां के ग्रामीण आज भी सरकार की योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों से जरूर बस्तर संभाग के 7 जिलों के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों की कुछ तस्वीर बदली हैं. अब इन जगहों में पुलिस कैंप खुलने से विकास कार्य भी पहुंचाएं जा रहे हैं. उन्ही गांव में से एक गांव है चांदामेटा. यहां ग्रामीणो को आज भी सड़क, पेयजल, बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था.
‘चांदामेटा में पहली बार हुआ है विधानसभा चुनाव’
चांदामेटा गांव में पहली बार विधानसभा चुनाव का मतदान भी हुआ है. 8 महीने पहले बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने ग्रामीणों से वादा किया था कि इस गांव में सभी ग्रामीणो तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के साथ बच्चों को शिक्षा मिलेगी. चांदामेटा गांव में पहली प्राथमिक शाला खोलने के बाद सोमवार (8 जनवरी) को यहां के ग्रामीण बच्चो और गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी की सौगात मिली. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने चांदामेटा गांव के छोटे बच्चों से इस आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन कराया. इस आंगनबाड़ी केंद्र के खुलने से अब गांव के छोटे बच्चों को शिक्षा मिलने के साथ ही गांव के कुपोषित बच्चों को पोषण आहार भी मिल सकेगा.
गांव में पहली बार पहुंची बिजली
दरअसल, दरभा ब्लॉक का चांदामेटा गांव कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था. नक्सली कमांडर विनोद सोनाधार और लक्ष्मण जैसे बड़े नक्सली लीडर इस क्षेत्र में सक्रिय थे. यहां पुलिस का पहुंच पाना नामुमकिन था, हालांकि पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में दो पुलिस कैंप खोले गए हैं और सुरक्षा के साए में चांदामेटा गांव तक सड़क बनाई गई है.
इसके साथ-साथ अब एक-एक कर सभी विकास कार्यों की सौगात इन ग्रामीणों तक पहुंचाई जा रही है. सोमवार को बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने चांदामेटा गांव के पटेलपारा, मुंड़ीयापारा, गदमेपारा का दौरा किया और यहां चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. दरअसल 8 महीने पहले ग्रामीणों ने बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम से गांव में सड़क, बिजली, पेयजल की मांग की थी और 8 महीनो के बाद अब ग्रामीणों को सड़क, बिजली, पेयजल की सुविधा यहां मिलने लगी है.
चांदामेटा गांव में खोला गया आंगनबाड़ी भवन
सोमवार को आंगनबाड़ी भवन की सौगात चांदामेटा वासियों को मिली. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में बिजली पहुंचने से खुशहाली आ गई है. पिछले 5 दशकों से यहां के ग्रामीण अंधेरे में डूबे हुए थे. बिजली के अभाव के साथ पूरे ग्रामीण झरिया का पानी पीने को मजबूर थे. जिससे ग्रामीण बीमार पड़ते थे, स्वास्थ्य सुविधा और सड़क न होने के चलते ग्रामीण इलाज के अभाव में दम तोड़ देते थे. लेकिन अब गांव की तस्वीर बदल रही है. गांव में स्वास्थ्य केंद्र भी खोला गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी राहत मिली है.
ग्रामीणों को मिली बिजली, पानी और सड़क की सुविधा
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने कहा कि जिले में ऐसे सुदूर अंचलों के सभी गांव में विकास कार्य पहुंचाने की जिला प्रशासन पूरी कोशिश कर रही है. खासकर नक्सलवाद की वजह से पिछड़े हुए गांव में ग्रामीणों तक मूलभूत सुविधा पहुंचाने के लिए प्रशासन मेहनत कर रहा है. चांदामेटा और कोलेंग गांव नक्सल प्रभावित गांव होने की वजह से काफी पिछड़ा हुआ था. ऐसे में इन गांवों के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ ही गांव में मूलभूत सुविधा पहुंचाने के लिए टारगेट के तौर पर जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों ने काम किया और 8 महीने में गांव में सड़क, बिजली और पेयजल की सुविधा पहुंचाई गई.
आजादी के 75 साल बाद खोला गया स्कूल
कुछ महीने पहले ही इस गांव में प्राथमिक शाला बनाई गई थी. आजादी के 75 साल बाद पहली बार घंटी बजी, वहीं सोमवार को गांव के छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी की सौगात भी दी गई है. कलेक्टर ने कहा कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाया गया है और इसी तर्ज पर अब आने वाले दिनों में आंगनबाड़ी के बच्चों का भी जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि चांदामेटा और कोलेंग गांव के ग्रामीणों से चर्चा कर बच्चों को नियमित स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भेजने की अपील की गई है.
कोलेंग गांव के ग्रामीणों को हाट बाजार व्यवस्थित करने के निर्देश
वहीं कोलेंग गांव में स्थित कन्या आश्रम तक पहुंचने के लिए 100 मीटर की सड़क बनवाने के भी निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा कन्या आश्रम में सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी अधिकारियों का निर्देश दिया गया है. वहीं कोलेंग बाजार शेड निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने और एक बार फिर से कोलेंग में ग्रामीणों का हाट बाजार को व्यवस्थित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा कलेक्टर ने गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण करते हुए यहां गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए सारी व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही आसपास के इलाकों के लिए एंबुलेंस का उपयोग करने का भी निर्देश कलेक्टर ने दिया है.