November 15, 2024

CG में गणित की अनोखी पाठशाला, मैथ्स गार्डन से कठिन सवाल का हल निकाल रहे बच्चे…

कोरबा। बच्चों के मानसिक विकास के लिए गणित विषय काफी महत्वपूर्ण है. आज हम आपको कोरबा जिले के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के शिक्षकों ने “प्रकृति के साथ गणित” की परिकल्पना से एक अनोखा मैथ्स गार्डन तैयार किया है.

इस गार्डन के चारों तरफ ज्यामितीय आकृतियां बनाई गई हैं. इनके बीच में पौधे लगाए गए हैं. गार्डन में चारों तरफ त्रिकोणमिति के कठिन फॉर्मूलों की तख्तियां लगाई गई हैं, ताकि बच्चे खेल-खेल में गणित के कठिन से कठिन विषय को सीख सकें.शिक्षकों की ये खास पहल बच्चों को बेहद भा रही है. जब स्कूल के बच्चे गार्डन में जाते हैं तो इन आकृतियों को डिस्कस करते हैं. फॉर्मूला लगाते हैं और सवालों को हल करने का प्रयास भी करते हैं.

कोरबा के स्कूल में मैथ्स गार्डन कैसे किया गया तैयार : कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर हाई स्कूल स्याहीमुड़ी में अनोखा मैथ्स गार्डन मौजूद है, जिसे शिक्षकों और बच्चों ने खुद अपनी मेहनत से तैयार किया है. फिलहाल इसका और भी विस्तार किया जा रहा है. गार्डन में चतुर्भुज, अर्धवृत्त, त्रिकोण, अष्टभुज और ऐसी कई तरह की ज्यामितिय आकृतियां को ईंट और पत्थर से रंगरोगन कर बनाया गया है. गार्डन के किनारे त्रिकोणमिति के फार्मूले भी लिखे गए हैं. आकृति के साथ चतुर्भुज का क्षेत्रफल कितना होगा, इसका फार्मूला भी उन्हें गार्डन में ही मिल जाता है. बच्चे गार्डन के ही चतुर्भुज को नापते हैं. इसके क्षेत्रफल का फॉर्मूला फिट कर जवाब ढूंढते हैं. इस तरह वह खेल खेल में सवाल हल करने का प्रयास करते हैं.

इको क्लब के लिए मिले पैसों से किया नवाचार: हाई स्कूल स्याहीमुड़ी की प्राचार्य डॉ फरहाना अली राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी हैं. उन्होंने अपने जीवन का अनुभव इस मैथ्स गार्डन में डाल दिया है. फरहाना कहती हैं कि, “प्रकृति के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है. इसी तरह बच्चों के सर्वांगीण मानसिक विकास के लिए गणित विषय का अध्ययन बेहद जरूरी हो जाता है. शासन से हर साल हमें इको क्लब के लिए पैसे मिलते हैं. हमने इस राशि को इस वर्ष प्रकृति के साथ गणित की थीम पर मैथ्स गार्डन तैयार करने में लगाया है. इससे बच्चों को गणित सीखने में आसानी हो जाती है. बच्चे जब गार्डन में आते हैं तो उन्हें अच्छा माहौल मिलता है.. गणित के प्रति वह डर महसूस नहीं करते हैं. आमतौर पर सरकारी स्कूल में आने वाले बच्चे काफी जरूरतमंद होते हैं, जिनके लिए कई बार गणित किसी बुरे सपने की तरह होता है. इस गार्डन से उन्हें काफी मदद मिलेगी.”

बच्चों को सीखने में होती है आसानी: इस बारे में हाई स्कूल में कार्यरत गणित की लेक्चरर प्रभा साव ने कहा कि, “हमने कई तरह की आकृतियां बनाई हैं, ज्यामितिय आकृतियों के अलावा त्रिकोणमिति के फॉर्मूले तख्ती पर लिखे गए हैं. ऐसा कठिन फार्मूला, जो बच्चों को याद नहीं होता, उसे वह गार्डन में देखते हैं. गार्डन आना बच्चों को काफी पसंद होता ही है. वह गार्डन में ही आकृतियों को नाप कर और फॉर्मूले का उपयोग कर गणित को आसान बना रहे हैं, जो उन्हें समझ नहीं आता उसे हम कक्षा में पढ़ा देते हैं. पूरे स्टाफ ने मिलकर प्रकृति के साथ गणित की थीम पर यह गार्डन तैयार किया है. इससे बच्चों को गणित समझने में आसानी होगी. बच्चे गणित को लेकर काफी डरे हुए रहते हैं. उन्हें कई बार गणित के कठिन सवाल समझ में नहीं आते. इसलिए हमने यह तरीका इजाद किया है.”

गणित वैसे तो कठिन विषय है, लेकिन एक बार समझ आ जाने पर आसान लगता है. इस गार्डन में जब हम आते हैं तो आकृतियों को देखते हैं. फॉर्मूला भी लिखा हुआ है तो हम फॉर्मूला लगाकर सवालों को हल करने का प्रयास करते हैं. खेल-खेल में गणित सीखने से काफी कुछ आसान हो जाता है. – लक्ष्मी चौहान, छात्रा

गणित समझ आने पर हो जाता है आसान: इसी तरह दसवीं क्लास की स्टूडेंट आरती कहती हैं कि, “हम सभी दोस्त आपस में जब बात करते हैं, तब यही कहते हैं कि गणित बहुत कठिन विषय है. जब हम इस गार्डन में आते हैं तो चारों ओर फार्मूला लिखा हुआ पाते हैं, इसे देखकर याद करने का प्रयास करते हैं. इससे पढ़ाई में मदद मिलती है.”

बता दें कि अधिकतर बच्चों को गणित समझने में काफी दिक्कत होती है. ऐसे में ये अनोखी पहल सचमुच काबिल-ए-तारीफ है. स्कूल की इस खास पहल की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है. वहीं, बच्चे भी आसानी से समझ कर गणित के कठिन से कठिन सवाल का हल निकाल लेते हैं.

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