नारायणपुर : कचरे से कंचन बना रही महिलाएं, शहर भी हो रहा स्वच्छ
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले के नगरीय क्षेत्र नारायणपुर में 14 पंजीकृत स्व सहायता समूह की 49 महिलाएं शहर को खूबसूरत बनाने में जुटी हुई हैं। शहर में रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं, जो तकरीबन 4 टन होता है, जिसमें से 1.6 टन सूखा और लगभग 2.4 टन गीला कचरा शामिल है। समूहों में नारायणपुर मुख्यता सांई शक्ति, जय लक्ष्मी सारोन, मावली माता स्व सहायता समूह की महिलाएं काम कर रही हैं, जिससे शहर स्वच्छ और सुंदर हो रहा है।
ये सभी स्वच्छता दीदियां रोजाना सुबह-सुबह घरों से 4 पिकअप और 9 रिक्शों के जरिए कचरा इकट्ठा करती हैं, जिसमें से गीले और सूखे कचरे को एकत्रित करती हैं. कचरा को एकत्रित करने के बाद बखरूपारा और कुम्हारपारा में बने डंपिंग सेंटर और कंचन केन्द्र ले जाती हैं। जहां नगर को कचरे से मुक्ति के साथ-साथ कचरे से कंचन बना रही हैं, जिससे इन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है।
स्वच्छता दीदियों ने बताया गीला और सूखा कचरा के लिए अलग-अलग डस्टबिन है, जिसमें वह कचरे को रखती हैं। जिसे डंपिंग सेंटर लाकर कचरे को रिसाइकिल करती हैं. गीला कचरा और सूखा कचरा, प्लास्टिक, लोहा और अन्य सामग्री को अलग कर कबाड़ी को बेच कर देती हैं। गीले कचरे को डूमरतराई स्थित सॉलिड और वेस्ट मेनेजमेंट को खाद बनाने के लिए भेज देती हैं।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी अजय लाल सिंह ने बताया कि यहां खाद का प्रोसेस कर उसे आने वाले दिनों में किसानों को वितरित किया जाएगा. वर्तमान में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रतिमाह 6 हजार रूपए का भुगतान किया जाता है। कोविड-19 के कारण सभी सावधानियां बरती जा रही है. महिलाएं एकत्रित कचरे को इस्तेमाल से पहले हाईपोक्लोरीन छिड़काव कर सैनिटाइज करती हैं। इसके एक घंटे के बाद स्वच्छता दीदियां इस कचरे को छांटकर अलग-अलग करती हैं. साथ ही महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखती हैं।