November 16, 2024

…. और अब स्कूलों में प्रार्थना के समय बच्चे गाएंगे ‘अरपा पैरी के धार’

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के स्कूलों में राष्ट्रगान राष्ट्रगीत के बाद अब राज्य गीत भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है।  स्कूलों में प्रार्थना के वक्त अब बच्चे छत्तीसगढ़ का राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार’ भी गाया करेंगे। इसके लिए शासन ने विधिवत आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि अभी इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि स्कूलों में ये कब से शुरू होगा। 

लोक शिक्षण संचालनालय ने राज्य के सभी जिला शिक्षा कार्यालय को एक पत्र भेजा है।  संयुक्त संचालक लोक शिक्षण में शनिवार को उक्त आशय का आदेश जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।  पत्र में लिखा है कि स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन नया रायपुर 2 जुलाई को जारी पत्र के मुताबिक प्रदेश के सभी स्कूलों में राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार’ को प्रार्थना में शामिल किया जाना है। 

इस गीत को प्रार्थना में शामिल करने का शिक्षा विभाग का मकसद यहीं है कि राज्य गीत के बारे में बच्चों को पता चले।  और प्रदेश के हर बच्चे को ये गीत याद हो।  इसी वजह से शिक्षा विभाग ने इस गीत को बच्चों के प्रार्थना में शामिल किया है। 

बता दें कि इस गीत के रचियता डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा है।  इस छत्तीसगढ़ी गीत को वर्ष 2019 में राज्य पत्र में प्रकाशित कर राज्य गीत का दर्जा दिया था।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते साल साइंस कॉलेज मैदान में हुए राज्योत्सव में डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा रचित प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार’ को प्रदेश का राज्यगीत घोषित किया था।  इसके बाद अब इस राज्यगीत को राज्य शासन के महत्वपूर्ण शासकीय कार्यक्रम और आयोजनों के शुभारंभ में भी बजाया जाता है।  4 नवंबर को डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की जन्म जयंती मनाई जाती है।  यह गीत लोक कलाकारों में बेहद लोकप्रिय है।  लोक कलाकारों ने कई मंचों के माध्यम से पिछले कई वर्षों में इसकी प्रस्तुति दी है। 

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