April 17, 2025

‘मोदी सरनेम’ पर BJP नेता का ट्वीट वायरल, कांग्रेस बोली- अब कराओ मानहानि का मुकदमा

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नईदिल्ली। गुजरात के सूरत कोर्ट द्वारा साल 2019 के मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. इसके बाद से कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल 2019 में कर्नाटक की एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है’, जिसके बाद एक बीजेपी कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं अब अभिनेता से नेता बनी खुशबू सुंदर का एक पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है.

कांग्रेस में रहते हुए खुशबू ने किया था ट्वीट
मीडिया रिपोर्ट से मिला जानकारी के मुताबिक साल 2018 में, जब खुशबू सुंदर कांग्रेस में थीं, तो उन्होंने ट्वीट किया था कि यहां मोदी, वहां मोदी, जहां देखो वहां मोदी…लेकिन ये क्या…हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा हुआ है…तो बात को समझो..मोदी मतलब भ्रष्टाचार? भ्रष्टाचार से मोदी का मतलब…नीरव+ललित+नमो = भ्रष्टाचार. वहीं अब इस ट्वीट को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने शेयर किया.

कांग्रेस नेताओं ने उठाया सवाल
कांग्रेस के नेताओं ने सवाल किया कि क्या गुजरात के मंत्री पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे. बता दें कि खुशबु ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर लिया था. फिलहाल वो राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं. कांग्रेस ने लोकसभा से राहुल गांधी सदस्यता रद्द करने के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है, जबकि सूरत कोर्ट के आदेश को वह हाईकोर्ट में चुनौती देगी.

जानबूझकर नहीं की टिप्पणी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में, राहुल गांधी के वकील ने बचाव किया था कि टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी और इससे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी मानहानि नहीं हुई. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी पटना में राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह का मानहानि का मामला दर्ज कराया था. इन्होंने ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी से आहत होने की बात कही थी.

अध्यादेश फाड़ने पर किया तंज
वहीं खुशबू सुंदर ने अपने पुराने ट्वीट पर न तो कोई कमेंट किया है और न ही इसे डिलीट किया है. लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर, बीजेपी नेता ने कहा कि उन्होंने तो कुछ दिन पहले कहा था कि वह दुर्भाग्य से सांसद हैं. उनकी बातें सच हुई हैं. खुशबू ने ट्वीट किया कि तत्कालीन मनमोहन सिंह 2013 में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक अध्यादेश लाना चाहते थे. लेकिन @RahulGandhi ने इसे टुकड़ों में फाड़ दिया. विडंबना यह है कि उनकी अयोग्यता उसी फैसले से आती है.

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