छत्तीसगढ़ : कोरोना से आधा दर्जन शिक्षक संक्रमित, एक की मौत
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण के चपेट में हैं। इतना ही नहीं आज एक कोरोना संक्रमित शिक्षक की मौत भी हो गई हैं। शिक्षक संघ का आरोप हैं की शिक्षकों को बगैर किसी सुरक्षा किट, दुर्घटना बिमा के ही सर्वे कार्य में महामारी एक्ट का हवाला देकर दबावपूर्वक काम लिया जा रहा हैं। इतना ही नहीं राजधानी सहित सूबे के ज्यादातर इलाकों में सर्वे कार्य करने वाले शिक्षकों की प्रोटोकॉल के तहत कोरोना जांच भी नहीं की गई हैं। जितने केस सामने आ रहे हैं वे शिक्षकों द्वारा शंका के आधार पर स्वतः जांच के बाद आ रहे हैं।
https://janrapat.com/others/instructions-to-distribute-free-uniforms-to-school-students-by-14-august
ऐसे में जब स्कूल प्रवेश व अन्य कार्यों के लिए शासन के आदेश के बाद खोल दिए गए हैं। मध्यान्ह भोजन की सूखा सामाग्री बांटने के बाद गणवेश, पुस्तक और सायकल वितरण कराने का भी पूरा दबाव शिक्षकों पर हैं। यहां यह बता देना लाज़िमी होगा की आज तक ज्यादातर स्कूल सेनेटाइज़्ड नहीं हुए हैं। राजधानी में ही कई स्कूलों के अगल बगल या मुख्य द्वार के अपोजिट में कन्टेनमेंट ज़ोन बना हुआ हैं। ऐसे में स्कूलों में शिक्षकों से काम लेने के पहले पर्याप्त सुरक्षा और एहतियात बरते जाने की जरूरत हैं।
राज्य के रायपुर,पखांजूर,जशपुर,बेमेतरा सहित कुछ और जिलों में आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षक पिछले 3 दिनों में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें ज्यादातर सर्वे टीम का हिस्सा रहे हैं। जशपुर में पाए गए कोरोना संक्रमित शिक्षक की जरूर ट्रेव्हल हिस्ट्री बताई जा रही हैं। जो अपने भाई का इलाज़ कराने हैदराबाद गया हुआ था।
https://janrapat.com/news/3-corona-infected-patients-confirmed-including-a-teacher-in-jashpur
आज बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड अंतर्गत देवादा प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षक की कोरोना संक्रमण से मौत की खबर के बाद शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त हैं। शिक्षक संघ ने शिक्षक के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवज़ा और परिवार के किसी सदस्य को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की हैं।
उल्लेखनीय है कि सर्वे उपरांत 27 जुलाई से मृत संक्रमित शिक्षक का रायपुर एम्स में इलाज चल रहा था,और वे वेंटिलेटर पर थे। शिक्षक की इस तरह मौत पर प्रदेश का पूरा शिक्षक समुदाय आक्रोशित है,और अपने साथी के कोरोना संक्रमण की मृत्यु से भड़के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि इस मौत का जिम्मेदार कौन..?? शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल मे लगातार बच्चों और शिक्षकों के बीच असफल और अव्यवहारिक प्रयोग किये जा रहा है। शिक्षकों का बिना बीमा किये,बिना कोरोना सुरक्षा संसाधन दिए कोरोना संक्रमितों के बीच ड्यूटी लगा रहा है,गली मोहल्ले में जाकर पढ़ाने बोला जा रहा है, जब संक्रमण प्रदेश में अत्यंत कम था तो स्कूल और कक्षाएं बन्द रखी गई,अब जब कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है और प्रदेश में संक्रमितों की संख्या हजारों में जा चुकी है प्रदेश के 114 विखं रेड जोन 4 विखं आरेंज जोन में तब विभाग गली मोहल्ले में क्लास लगाने हेतु शिक्षकों को बाध्य कर रही है, सारी जिम्मेदारी पालक,शिक्षक और समुदाय को दी जा रही है,खुद विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर स्कूलों में कदापि कक्षा न लगाने हेतु ताकीद दे रही है,जिससे समुदाय,पालक और शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है,समुदाय भी इसका विरोध करते संक्रमण के डर से व्यवस्था करने में खुद को असक्षम मानंते हुए ऐसी कक्षाओं को अपने गांव के गलियों में न लगाने की बात कह रही है,ऐसे भी गांवों और गलियों में कितना सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा किसी से छिपा नही हैं।
https://janrapat.com/news/loudspeaker-school-impractical-teachers-union-writes-to-cm-baghel-demanding-to-stop-experiment
संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा,प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा,बेमेतरा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह तथा छतीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के बेरला इकाई ने कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों के आश्रित को 1करोड़ रुपये का मुआवजा व तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की मांग शासन से की है।प्रदेश के समस्त कोरोना वारियर्स शिक्षकों के लिए 1 करोड़ का बीमा कराया जावे तथा उन्हें कोरोना सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराएं।