November 18, 2024

कोंडागांव: गर्भवती महिला को खाट पर बैठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

कोंडागांव।  छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से सड़क व् सुविधाओं के अभाव में खाट या कांवर एम्बुलेंस की तस्वीरें लगातार आ रही हैं।  बेनूर से 15 किलोमीटर दूर ओंगनारपाल गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल ले जाने के लिए 102 महतारी एंबुलेंस को फोन कर बुलाया।  ओंगनार पाल से 1 किलोमीटर पहले ही रास्ता इतना खराब था कि एंबुलेंस प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला के घर तक नहीं पहुंच सकी। इसके बाद ईएमटी दिव्या यादव और देव पांडेय ने खाट पर बिठाकर उसे एंबुलेंस तक लाया।  यहां से गर्भवती महिला को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। 


जानकारी के मुताबिक, इलाके में सड़क नहीं होने के कारण अक्सर इस तरह की तस्वीरें देखने को मिलती रहती है।  गर्भवती महिला को तकरीबन 1 किलोमीटर परिजन और एंबुलेंस चालकों की मदद से खाट में लिटाकर एंबुलेंस तक लाया गया, लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई, जिसके कारण एंबुलेंस में ही डिलीवरी कराई गई। 


ईएमटी दिव्या यादव ने बताया कि बच्चे ने एमनीओटिक फ्लूइड पी लिया था. हालत नाजुक होता देख मां और बच्चे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनूर में लाकर भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया है। 


बहरहाल, छत्तीसगढ़ की सरकार क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाओं और सड़क को पहुंचाने की बात तो करती है, लेकिन वह सिर्फ भाषण और कागजों तक ही सीमित रह जाती है. अगर धरातल पर नजर डाली जाए, तो अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है. कई क्षेत्र पहुंचविहीन हैं, जो बरसात के दिनों में टापू बन कर रह जाते हैं. ऐसे क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं तो दूर की बात, प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सालय तक भी पहुंच पाना टेढ़ी खीर साबित होता है, लेकिन सरकार शायद लोगों को सुविधाएं देना ही नहीं चाहती, नहीं इस तरह के हालात निर्मित नहीं होते. 

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