CG : हड़ताली पंचायत सचिवों का अल्टीमेटम, जंतर मंतर पर करेंगे प्रदर्शन, पीएम मोदी से करेंगे शिकायत

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. बेमेतरा जिले के पंचायत सचिव एक सूत्रीय मांग को लेकर बीते 17 मार्च से हड़ताल पर हैं. हड़ताली पंचायत सचिवों ने सरकार से आर पार की लड़ाई का मूड बना लिया है. पंचायत सचिवों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आने वाले समय में वे उग्र प्रदर्शन करेंगे. पंचायत सचिव लगातार सरकार से शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं.
नवागढ़ के पंचायत सचिवों ने बीजेपी की साय सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार बनने से पहले बीजेपी ने एक साल के बीच पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया था. अब तक सरकार ने इस वादे को नहीं निभाया है. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो आने वाले समय में हम जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी को हम अपनी परेशानी बताएंगे.
सरकार अपने घुटने में आ गया है उनके द्वारा हमारे आंदोलन को समाप्त करने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. हम झुकने वाले नहीं है, यदि 21 अप्रैल तक हमारी मांगों को नहीं माना जाता है, तो जंतर मंतर में प्रदर्शन करके हम शासन को दिखा देंगे कि आप मोदी का अपमान कर रहे हैं- नाथू राम साहू, सचिव, नवागढ़ ब्लॉक
पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ प्रांतीय सचिव संघ के द्वारा अपनी एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है. सचिव संघ की तरफ 4 दिन पूर्व प्रधानमंत्री के नाम तहसीदार को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें उन्हें के पार्टी के द्वारा किए गए वादे को पूरा नहीं किए जाने का उल्लेख किया गया है.
पंचायत सचिवों की हड़ताल को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने सचिवों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. सरकार के इस फरमान के बाद भी पंचायत सचिव लगातार हड़ताल पर हैं.
सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किया गया है उल्टा 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने की बात कही जा रही है. हम लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही जा रही है. सरकार के इस बात का हम पर कोई असर नहीं होगा. हड़ताल जारी रहेगा और हम दिल्ली बिल्कुल जाएंगे.- नील कुमारी नवरंग, सचिव, नवागढ़ ब्लॉक
17 मार्च 2025 से छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की हड़ताल चल रही है. इस हड़ताल की वजह से गांव और पंचायत स्तर पर कई कार्य अटके पड़े हैं. कई तरह के विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है.